अध्याय 16 : जीवन बीमा पॉलिसी के तहत भुगतान
दावा:
दावा एक मांग है जिन्हें एक बीमा कंपनी द्वारा अनुबंध में किए गए वादों के अनुसार पूरा करना चाहिए
A) दावों के प्रकार और दावों की प्रक्रिया :
1) जीवित् रहने पर दावा – यह वह दावा है जो बीमित व्यक्ति को जीवित रहने पर प्राप्त ओता है।
2) मृत्यु का दावा – यह बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर देय दावा है।
दावा की प्रक्रिया तब मानी जाती है जब
i) जीवित रहने पर दावा निर्धारित शर्तों के अनुसार हो ।
ii) परिपक्वता दावे और धन वापसी दावों को निर्धारित तिथि के आधार पर निपटाया जाना चाहिए।
iii) समर्पण मूल्य वे दावे हैं जो बीमित व्यक्ति द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर दिए जाते हैं।
iv) गंभीर बीमारी के दावे चिकित्सा और अन्य रिकॉर्ड के आधार पर किए जाते हैं।
पॉलिसी की अवधि के दौरान किए गए भुगतान:
i) जीवन रहने पर लाभ भुगतान – पॉलिसी अवधि के दौरान निर्दिष्ट समय पर बीमा कंपनी द्वारा नियमित अंतराल पर किए गए भुगतान।
ii) पॉलिसी का समर्पण – पालिसी अनुबंध को रोकने के लिए पॉलिसी धारक द्वारा लिए गए स्वैच्छिक निर्णय । बीमित को देय बीमाकृत राशि को समर्पण मूल्य कहा जाता है।
iii) राइडर लाभ – नियमों और शर्तों के अनुसार विशेष निर्दिष्ट घटना पर बीमा कंपनी द्वारा किया गया भुगतान। पालिसी राइडर लाभ भुगतान प्राप्ति के बाद भी पालिसी जारी रहती है।
iv) परिपक्वता दावा – बीमा पॉलिसी की पूरी अवधि के पश्चात यदि बीमित व्यक्ति जीवित रहता है तो बीमा कंपनी को उसे भुगतान करना पड़ता है। परिपक्वत्ता के दावे का भुगतान करने के बाद बीमा अनुबंध समाप्त हो जाता है ।
v) मृत्यु दावा – यदि बीमा पॉलिसी की अवधि के दौरान दुर्घटना या अन्य कारण से बीमित की मृत्यु हो जाती है तो, बीमा कंपनी बीमित राशि, बोनस, आदि नामांकित व्यक्ति या assigneee या कानूनी वारिस को भुगतान करना पड़ता है; इस तरह के भुगतानों को मृत्यु दावा के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार अनुबंध समाप्त हो जाता है।
a) शीघ्र मृत्यु का दावा – पालिसी प्रारंभ होने के 3 वर्ष के भीतर किया जा सकता है
b) शीघ्र मृत्यु न होने पर दावा – पालिसी प्रारंभ होने के 3 वर्ष के भीतर किया जा सकता है ।
नामांकित द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाले दस्तावेज – दफ़नाने या दाह संस्कार के प्रमाण पत्र; इलाज कर रहे चिकित्सकों के प्रमाण पत्र, अस्पतालों के प्रमाण पत्र; नियोक्ताओं के प्रमाण पत्र; दुर्घटना के मामले में पुलिस की रिपोर्ट, नगर निगम प्राधिकारी द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र।
B) मृत्यु दावे का परित्याग – अगर बीमा कंपनी को लगता है कि प्रस्तावक ने कोई भी गलत जानकारी दी थी या पालिसी से सम्बंधित प्रासंगिक तथ्यों को दबा दिया था , तो ऐसे में अनुबंध समाप्त/शून्य हो जाता है। पालिसी के तहत सभी लाभ वापिस ले लिये जाते हैं।
C) निर्विवाद खंड – एक पालिसी जो 2 वर्ष से चल रही है उसे गलत या झूठी जानकारी के आधार पर विवादित नहीं समझा जा सकता है। बीमा कंपनी को 2 वर्ष की अवधि के बाद एक पालिसी का परित्याग करने के लिए जाँच करनी होगी।
D.) मृतक मानना – भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 मृत्यु से संबद्द है, इस अधिनियम के तहत यदि किसी व्यक्ति के बारे में 7 वर्ष से कुछ सुना नहीं गया या उसे देखा भी नहीं गया तो उसे मृत मान लिया जाता है। यह आवश्यक है जब तक अदालत मृत्यु के बारे में फैसला नहीं देती तब तक प्रीमियम का भुगतान किया जाना चाहिए।
E) जीवन बीमा पॉलिसी के लिए दावा प्रक्रिया–
यह आईआरडीए विनियमन 2002 (पॉलिसी धारक के हितों के संरक्षण) में शामिल है।
बीमा कंपनी प्राथमिक दस्तावेज मांगती है , जो सामान्य रूप से आवश्यक हैं।
किसी भी प्रकार का प्रश्न या अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता हो तो 15 दिनों के भीतर मांगी जा सकती है।
एक दावे का भुगतान 30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए या यदि कोई विवाद हो तो उसकी सूचना भी इतने दिनों के भीतर दी जानी चाहिए।
दावे का भुगतान किया जाना चाहिए और यदि कोई विवाद हो तो इसे शिकायत करने के छह महीने के भीतर समस्त सांगत कारण दिए जाने चाहिए और कारवाही पूरी की जानी चाहिए ।
यदि दावा भुगतान के लिए तैयार है, लेकिन उचित पहचान की कमी के कारण उसका भुगतान नहीं किया जा सकता तो इस दशा में जीवन बीमा कंपनी ऐसी राशि को रोक लेगी और अनुसूचित बैंकों के बचत खातों की दर (सभी कागजात और जानकारी प्रस्तुत करने के 30 दिन के बाद से प्रभावी) के अनुसार ब्याज अर्जित करगी । यदि दावे का भुगतान देरी से किया जाता हैं तो बीमाकर्ता को ब्याज की प्रचलित दर से 2% अधिक ब्याज दिया जायेगा
F) एजेंट की भूमिका –
एक एजेंट नामांकित व्यक्ति, कानूनी वारिस या लाभार्थी को दावा प्रपत्र को सही रूप में भरने में हरसंभव सेवा प्रदान करेगा और बीमा कंपनी के कार्यालय में प्रस्तुत करने में सहायता करेगा। दायित्वों का निर्वहन करने के अतिरिक्त, ऐसी स्थिति से सद्भावना भी उत्पन्न होती जिससे एजेंट भविष्य में बीमा व्यापार करने में या रेफरल प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होते हैं।